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भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तेज़ी से बढ़ती संख्या के साथ, ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल भुगतान प्रणाली का विस्तार हुआ है। लेकिन इसके साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं, जहाँ ठग नईनई तरकीबों से उपभोक्ताओं को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। चाहे वह नकली कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से हो, फिशिंग ईमेल के जरिए या नकली निवेश योजनाओं से, सतर्क रहना बेहद जरूरी है। इस लेख में, हम भारत में आमतौर पर होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ियों, उनकी पहचान कैसे करें और उनसे बचने के कुछ व्यावहारिक सुझावों पर चर्चा करेंगे।

भारत में सामान्य ऑनलाइन धोखाधड़ियाँ

  1. फिशिंग स्कैम:
    • क्या है? फिशिंग में धोखेबाज वैध स्रोतों जैसे बैंकों, कॉमर्स साइटों, या सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की तरह दिखने वाले नकली ईमेल या संदेश भेजते हैं। ये संदेश आमतौर पर आपको एक लिंक प्रदान करते हैं, जो एक नकली वेबसाइट पर ले जाता है, जहाँ आपसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स या बैंक अकाउंट नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने को कहा जाता है।
    • दैनिक उदाहरण: आपको अपने बैंक की ओर से एक ईमेल प्राप्त होता है जिसमें कहा गया है कि आपके खाते में संदिग्ध गतिविधि के कारण इसे ब्लॉक कर दिया गया है। ईमेल आपकोअपनी पहचान सत्यापित करनेके लिए एक लिंक प्रदान करता है। यदि आप लिंक पर क्लिक करके अपनी जानकारी दर्ज करते हैं, तो ठग आपकी क्रेडेंशियल्स चोरी कर सकते हैं और उनका दुरुपयोग कर सकते हैं।
  2. नकली कॉमर्स वेबसाइट:
    • क्या है? धोखेबाज नकली शॉपिंग वेबसाइट बनाते हैं जो प्रसिद्ध कॉमर्स प्लेटफार्मों की नकल करते हैं। ये उपभोक्ताओं को आकर्षक छूट प्रदान कर उन्हें फँसाते हैं। भुगतान करने के बाद, उपभोक्ता या तो नकली उत्पाद प्राप्त करते हैं या कुछ भी नहीं मिलता।
    • दैनिक उदाहरण: आप एक वेबसाइट पर स्मार्टफोन्स पर 70% की छूट देख कर उत्साहित होकर ऑर्डर करते हैं और भुगतान कर देते हैं। कई दिन बीत जाने के बाद भी तो उत्पाद प्राप्त होता है और ही वेबसाइट से कोई प्रतिक्रिया मिलती है। यह एक नकली कॉमर्स वेबसाइट धोखाधड़ी का स्पष्ट उदाहरण है।
  3. लॉटरी और पुरस्कार धोखाधड़ी:
    • क्या है? आपको एक संदेश प्राप्त होता है कि आपने किसी लॉटरी या प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता है, जिसमें आपने कभी भाग नहीं लिया था। पुरस्कार प्राप्त करने के लिए, आपसे प्रसंस्करण शुल्क का भुगतान करने या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने को कहा जाता है।
    • दैनिक उदाहरण: आपको एक एसएमएस प्राप्त होता है जिसमें कहा गया है कि आपने एक प्रसिद्ध टीवी शो द्वारा आयोजित लॉटरी में ₹10 लाख जीते हैं। संदेश आपसे पुरस्कार प्राप्त करने के लिए ₹5,000 काप्रसंस्करण शुल्कएक निर्दिष्ट बैंक खाते में जमा करने को कहता है। यह एक क्लासिक लॉटरी धोखाधड़ी का उदाहरण है।

 

  1. निवेश धोखाधड़ी:
    • क्या है? धोखेबाज उच्च रिटर्न का वादा करने वाली नकली निवेश योजनाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें जोखिम न्यूनतम बताया जाता है। ये योजनाएँ अक्सर नकली वेबसाइटों या सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित की जाती हैं।
    • दैनिक उदाहरण: एक ऑनलाइन विज्ञापन आपको एक नए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर हर महीने 20% की गारंटीशुदा रिटर्न का वादा करता है। आप एक बड़ी राशि का निवेश करते हैं, और कुछ महीनों बाद कंपनी आपके पैसे लेकर गायब हो जाती है।
  2. टेक सपोर्ट धोखाधड़ी:
    • क्या है? आपको एक कॉल या पॉपअप संदेश मिलता है जिसमें दावा किया जाता है कि आपके कंप्यूटर में वायरस है। ठग, वैध टेक सपोर्ट कंपनी के कर्मचारी होने का नाटक करते हुए, आपसे ऐसा सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए कहते हैं जो उन्हें आपके कंप्यूटर तक दूरस्थ पहुँच प्रदान करता है। इसके बाद वे व्यक्तिगत जानकारी चुरा सकते हैं या मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं।
    • दैनिक उदाहरण: ब्राउज़िंग के दौरान एक पॉपअप दिखाई देता है जिसमें कहा गया है कि आपके कंप्यूटर में वायरस है और आपको सहायता के लिए एक टोलफ्री नंबर पर कॉल करने की आवश्यकता है। अगर आप कॉल करते हैं, तो दूसरी तरफ का व्यक्ति आपको ऐसा सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने को कहेगा जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुँचा सकता है या आपका डेटा चुरा सकता है।

ऑनलाइन धोखाधड़ियों की पहचान कैसे करें?

  1. URL को ध्यान से देखें:
    • धोखेबाज नकली वेबसाइटें बनाते हैं जो मूल वेबसाइटों की लगभग समान होती हैं, लेकिन उनके URL में थोड़ा सा बदलाव होता है, जैसे “amaz0n.in” के बजाय “amazon.in” कोई भी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने से पहले हमेशा वेबसाइट के पते की दोबारा जाँच करें।
  2. HTTPS की जाँच करें:
    • वास्तविक वेबसाइटें सुरक्षित संचार के लिए HTTPS का उपयोग करती हैं। यदि आप जिस वेबसाइट पर जा रहे हैं, उसमें URL की शुरुआत “https://” से नहीं हो रही है, तो यह सुरक्षित नहीं हो सकती है।
  3. ग्रामर की गलतियाँ और खराब डिज़ाइन:
    • धोखाधड़ी वाले ईमेल और वेबसाइटों में अक्सर वर्तनी की गलतियाँ, खराब व्याकरण और निम्नगुणवत्ता वाले डिज़ाइन तत्व होते हैं। प्रतिष्ठित कंपनियों की वेबसाइटें और संचार आमतौर पर पेशेवर दिखते हैं।
  4. संपर्क जानकारी सत्यापित करें:
    • वास्तविक कंपनियाँ स्पष्ट संपर्क जानकारी प्रदान करती हैं, जिसमें कस्टमर सपोर्ट नंबर और भौतिक पते शामिल होते हैं। धोखेबाज अक्सर नकली या अधूरी संपर्क जानकारी प्रदान करते हैं।
  5. अविश्वसनीय ऑफ़रों से सावधान रहें:
    • अगर कोई ऑफ़र सच होने के लिए बहुत अच्छा लग रहा है, तो संभवतः यह धोखाधड़ी है। धोखेबाज उपभोक्ताओं को फँसाने के लिए उच्च छूट और अविश्वसनीय सौदों का उपयोग करते हैं। हमेशा ऐसे ऑफ़रों की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाँच करें या ग्राहक सेवा को कॉल करके सत्यापित करें।
  6. समीक्षाओं और रेटिंग्स की जाँच करें:
    • किसी नई वेबसाइट से खरीदारी करने से पहले समीक्षाओं और रेटिंग्स की जाँच करें। यदि कई लोगों ने नकारात्मक अनुभवों की सूचना दी है या साइट को धोखाधड़ी कहा है, तो इससे बचें।
  7. पॉपअप से सावधान रहें:
    • वैध कंपनियाँ शायद ही कभी आक्रामक पॉपअप का उपयोग करती हैं। यदि आपको ऐसे पॉपअप दिखाई देते हैं जो आपको तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहते हैं, तो यह संभवतः धोखाधड़ी है।

धोखाधड़ी से बचने के तरीके

  1. विश्वसनीय वेबसाइटों का उपयोग करें:
    • केवल प्रसिद्ध कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे Amazon, Flipkart या Myntra से खरीदारी करें। अज्ञात वेबसाइटों से बचें जब तक कि आप उनकी प्रामाणिकता सत्यापित कर लें।
  2. टूफैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें:
    • जहाँ संभव हो, अपने ईमेल, सोशल मीडिया और बैंकिंग खातों के लिए टूफैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें। यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ता है।
  3. सार्वजनिक वाईफाई पर लेनदेन करने से बचें:
    • सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं। सार्वजनिक वाईफाई से जुड़े होते समय कोई भी वित्तीय लेनदेन करें या व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें।
  4. मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें:
    • अपने पासवर्ड में अक्षरों, संख्याओं और विशेष वर्णों का संयोजन रखें। एक ही पासवर्ड का उपयोग कई खातों के लिए करें।
  5. अपने खातों की नियमित रूप से जाँच करें:
    • अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड विवरणों की नियमित रूप से जाँच करें और किसी भी अनधिकृत लेनदेन की सूचना तुरंत अपने बैंक को दें।
  6. खुद को और अपने परिवार को शिक्षित करें:
    • सुनिश्चित करें कि आपके परिवार के सभी सदस्य सामान्य ऑनलाइन धोखाधड़ियों से अवगत हैं। बच्चों और बुजुर्गों को शिक्षित करें, क्योंकि वे अक्सर धोखेबाजों का निशाना बनते हैं।
  7. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें:
    • यदि आपको कोई संदिग्ध वेबसाइट, विज्ञापन, या ईमेल दिखाई देता है, तो इसे राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल या संबंधित प्लेटफार्म पर रिपोर्ट करें।

अगर आप धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं तो क्या करें?

  1. तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें:
    • यदि आपने अपने बैंक विवरण साझा किए हैं या ठग को भुगतान किया है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और अपने खाते या कार्ड को ब्लॉक करवा दें। यह आगे अनधिकृत लेनदेन को रोक देगा।
  2. शिकायत दर्ज करें:
    • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें। सभी संबंधित जानकारी, जैसे स्क्रीनशॉट, ईमेल और बैंक विवरण प्रदान करें।
  3. अपने पासवर्ड बदलें:
    • यदि आपने लॉगिन विवरण या व्यक्तिगत जानकारी साझा की है, तो तुरंत अपने सभी खातों के पासवर्ड बदलें।
  4. प्लेटफार्म को सूचित करें:
    • यदि आपको किसी कॉमर्स या सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है, तो इस मुद्दे को प्लेटफार्म के ग्राहक समर्थन को रिपोर्ट करें। वे धोखाधड़ी वाले प्रोफाइल या विज्ञापनों को हटा सकते हैं और अन्य लोगों को धोखाधड़ी से बचा सकते हैं।

निष्कर्ष: सूचित रहें और सुरक्षित रहें

ऑनलाइन धोखाधड़ियाँ दिनदिन अधिक परिष्कृत होती जा रही हैं, और कोई भी इसका शिकार हो सकता है। अपने आप को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है सतर्क रहना और सतर्कता बरतना। हमेशा वेबसाइट की प्रामाणिकता की पुष्टि करें, अविश्वसनीय ऑफ़रों के प्रति संदेह रखें, और बिना स्रोत की वैधता की पुष्टि किए अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करें। इस मार्गदर्शिका में बताए गए सुझावों का पालन करके, आप अपने और अपने प्रियजनों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचा सकते हैं। याद रखें, आपकी जागरूकता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है!

अगर आपके पास ऑनलाइन धोखाधड़ी के अनुभव या सुरक्षित रहने के सुझाव हैं, तो कृपया उन्हें टिप्पणियों में साझा करें। मिलकर हम सभी के लिए एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बना सकते हैं।

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